Shri Brahmin Swarnakar Samaj created golden history. श्री ब्राह्मण स्वर्णकार समाज ने रचा स्वर्णिम इतिहास। जमीन के लिए 1 किलो सोना किया एकत्रित।

श्री ब्राह्मण स्वर्णकार समाज का ऐतिहासिक स्नेह सम्मेलन: जमीन के लिए 1 किलो सोना एकत्रित कर बनाया सम्मेलन को खास।

मुंबई में 2000 से ज़्यादा लोगों ने की शिरकत, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और उदार दान ने बनाया सम्मेलन ख़ास।

मुंबई। (महाराष्ट्र) विलेपार्ले वेस्ट स्थित एफएम मेजेस्टिक में 15 दिसंबर, रविवार को श्री ब्राह्मण स्वर्णकार समाज (राज.) मुंबई, पंजी. संस्था का ऐतिहासिक स्नेह सम्मेलन धूमधाम से संपन्न हुआ। लगभग 2000 स्वजातीय बंधुओं की उपस्थिति से हॉल खचाखच भर गया था। यह सम्मेलन सुबह 10 बजे से रात 9 बजे तक चला, जिसमें सांस्कृतिक, सामाजिक और धार्मिक कार्यक्रमों की एक श्रृंखला शामिल थी।

सम्मेलन का शुभारंभ माताजी के हवन, पूजा और आरती के साथ हुआ। श्री रमेशजी लालचंदजी बेड़सा की अध्यक्षता में आयोजित इस सम्मेलन को उनके प्रगति पैनल ग्रुप के सदस्यों ने अथक मेहनत से सफल बनाया। सुबह के सत्र में समाज की महिलाओं ने अपनी बेहतरीन प्रस्तुतियों से दर्शकों का मन मोह लिया।

विशेष अतिथि के रूप में अंतर्राष्ट्रीय कवि, लेखक, गीतकार और निर्देशक श्री युगराजजी जैन ने बेटी और परिवार पर केंद्रित एक प्रेरक भाषण दिया। उनके हास्य और साहित्यिक अंदाज़ ने श्रोताओं को भावुक और चिंतनशील बना दिया। समाज ने उन्हें शॉल और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।

सम्मेलन का मुख्य आकर्षण रहा समाज के अध्यक्ष श्री रमेशजी बेड़सा द्वारा मुंबई में समाज के लिए जमीन खरीदने का संकल्प। उन्होंने "स्वर्ण योजना" की घोषणा करते हुए स्वयं 10 तोला सोना दान करने की घोषणा की। मंच संचालक भूषण ललित परमार ने इस योजना के बारे में विस्तृत जानकारी दी और दानदाताओं को प्रोत्साहित किया, जिसके परिणामस्वरूप लगभग एक किलो सोना एकत्रित हुआ।

आगामी स्नेह सम्मेलन के लिए चंदा भी ललित परमार ने अपनी अनोखी शैली में एकत्रित किया। नेहा नित्या आर्ट्स द्वारा प्रस्तुत गीत संगीत कार्यक्रम में गायक किशोर खेतरीवाल और गायिका सेतु सिंह के भजनों ने समां बांध दिया।

सभी लाभार्थी परिवारों को साफा, चुनरी, शॉल, माला और स्मृति चिन्ह प्रदान किए गए। मंच संचालक भूषण ललित परमार को भी शॉल और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।

श्री रमेशजी बेड़सा की अध्यक्षता में संपन्न यह दूसरा स्नेह सम्मेलन सामाजिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण रहा। समाज बंधुओं के उत्साह और उदारता ने इस सम्मेलन को यादगार और प्रेरक बना दिया। सम्मेलन की सफलता समाज की एकता और प्रगति का प्रतीक है।

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