Eighth convocation ceremony of Ayurveda University concluded. आयुर्वेद विश्वविद्यालय का आठवां दीक्षांत समारोह संपन्न। 1426 विद्यार्थियों को मिली उपाधि

1426 विद्यार्थियों को मिली उपाधियाँ, आयुर्वेद को लेकर राज्यपाल का आह्वान

राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने की दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता, आयुष चिकित्सा प्रणाली को जन-जन तक पहुँचाने का किया आह्वान

पूर्व कुलपति प्रोफेसर बनवारीलाल गौड़, सांसद डॉ. राजेंद्र गहलोत और आईआईटी निदेशक प्रो. अविनाश अग्रवाल ने भी व्यक्त किए विचार

जोधपुर। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय, जोधपुर का अष्टम दीक्षांत समारोह शुक्रवार को भव्य रूप से आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता माननीय राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री हरिभाऊ बागड़े ने की। समारोह में पूर्व कुलपति प्रोफेसर वैद्य बनवारीलाल गौड़, राज्यसभा सांसद डॉ. राजेंद्र गहलोत एवं आईआईटी निदेशक प्रोफेसर अविनाश अग्रवाल विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।

राज्यपाल ने अपने संबोधन में विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि आयुष चिकित्सा प्रणाली को जन-जन तक पहुँचाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद के बारे में यह भ्रांति है कि यह धीरे असर करता है, जबकि वास्तव में यह रोग को जड़ से समाप्त करता है। उन्होंने प्लास्टिक सर्जरी का उदाहरण देते हुए बताया कि यह आयुर्वेद की विश्व को दी गई एक महत्वपूर्ण देन है।

राज्यपाल ने दीक्षा प्राप्त कर रहे विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि दीक्षांत समारोह केवल एक औपचारिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि यह एक नए सफर की शुरुआत है। उन्होंने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे अपने ज्ञान और कौशल का उपयोग समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए करें और आयुर्वेद की महत्ता को जन-जन तक पहुँचाने का कार्य करें।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रोफेसर बनवारीलाल गौड़ ने सभागार को संबोधित करते हुए कहा कि आयुर्वेद का ज्ञान केवल ग्रंथों तक सीमित नहीं, बल्कि यह सिद्धांत और प्रयोगात्मक अध्ययन का समन्वय है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेदिक शिक्षा व्यक्ति को नैतिकता, आत्मसंयम और सत्यनिष्ठा की ओर अग्रसर करती है और समाज के कल्याण में सहायक होती है।

समारोह में राज्यसभा सांसद डॉ. राजेंद्र गहलोत ने कहा कि आयुर्वेदिक चिकित्सा न केवल भारत की प्राचीन धरोहर है, बल्कि यह आधुनिक चिकित्सा पद्धति के साथ मिलकर मानवता की सेवा में नए आयाम स्थापित कर रही है।

आईआईटी जोधपुर के निदेशक प्रो. अविनाश अग्रवाल ने इस अवसर पर कहा कि आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान का समन्वय आवश्यक है। उन्होंने कहा कि तकनीक और नवाचार के माध्यम से आयुर्वेद को अधिक वैज्ञानिक रूप से प्रस्तुत किया जा सकता है, जिससे यह वैश्विक स्वास्थ्य प्रणाली का एक मजबूत स्तंभ बन सके।

कार्यक्रम के प्रारंभ में मंचासीन अतिथियों ने भगवान धन्वंतरि के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। तत्पश्चात विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर (वैद्य) प्रदीप कुमार प्रजापति ने मंचासीन अतिथियों को पुष्पगुच्छ भेट कर स्वागत अभिनंदन किया। साथ ही उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा जनहित में किए जा रहे कार्यों का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया ।

इस समारोह में आयुर्वेद, होम्योपैथी, यूनानी एवं आयुर्वेद नर्सिंग संकाय के प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को राज्यपाल महोदय के करकमलों द्वारा गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर विभिन्न विश्व विद्यालयो के कुलपति, प्रशासनिक अधिकारी, आयुर्वेद संकाय के डीन प्रोफेसर महेंद्र कुमार शर्मा, होम्योपैथिक संकाय के डीन डॉ. जयराम चौधरी, यूनानी संकाय के डीन डॉ. मोहम्मद आज़म एवं योग नेचुरोपैथिक संकाय डीन डॉ. एकलव्य बोहरा सहित बोर्ड ऑफ़ मैनेजमेंट, अकादमिक परिषद के सदस्य, संकाय सदस्य एवं छात्र-छात्राए उपस्थित रहे। विश्व विधालय के संकाय सदस्यों द्वारा लिखित विभिन्न विषयों की पुस्तकों का विमोचन किया गया। कुलसचिव अखिलेश कुमार पीपल ने धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. संजय श्रीवास्तव ने किया ।

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