Launch of poetry collection "Surmai Sanjh Swapnil Savera" and organization of poetry seminar. काव्य-संग्रह लोकार्पण व काव्य गोष्ठी का आयोजन।

जोधपुर में "काव्य कलश" संस्था ने किया साहित्यिक आयोजन, प्रसिद्ध कवियों ने की शिरकत

नीलम व्यास के काव्य संग्रह ने खींचा सबका ध्यान, "प्रेम" थीम पर हुई काव्य गोष्ठी

जोधपुरशहर में साहित्य के प्रति प्रेम और रूचि को बढ़ावा देने वाली संस्था "काव्य कलश" ने दो गरिमामय आयोजन किए। पावटा 'सी' रोड, लक्ष्मी नगर स्थित संस्था के कार्यालय में  अध्यक्ष मनोहर सिंह राठौड़ की अध्यक्षता में यह आयोजन संपन्न हुआ। मुख्य अतिथि के रूप में लीला कृपलानी और विशिष्ट अतिथि के रूप में पत्रकार मिश्रीलाल पंवार ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। संस्था के सचिव श्याम गुप्ता 'शान्त' ने आयोजन में सहयोग दिया और कविजन, कथाकारों, कलमकारों व कलाकारों का स्वागत किया गया।

पहले सत्र में, प्रसिद्ध पर्यावरणविद् प्रदीप शर्मा की स्वर लहरियों के साथ मॉ॓ सरस्वती की विधिवत वंदना और माल्यार्पण के बाद एडवोकेट एन.डी. निंबावत ने स्वागत भाषण दिया। इसके बाद कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण वरिष्ठ कवयित्री नीलम व्यास 'स्वयंसिद्धा' के नूतन काव्य-संग्रह "सुरमई सांझ स्वप्निल सवेरा" का लोकार्पण किया गया। लेखिका नीलम व्यास ने अतिथियों का स्वागत-सम्मान किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन राजेन्द्र खींवसरा ने किया। मुख्य और विशिष्ट अतिथियों ने लोकार्पित पुस्तक पर प्रकाश डालते हुए इसके महत्व पर जोर दिया।

वरिष्ठ कवयित्री नीलम व्यास ने अपने काव्य-संग्रह के बारे में बात करते हुए कहा, "जीवन की सुरमई सांझ में भी स्वप्निल सवेरा हर आदमी के जीवन में दस्तक देता है। बस जीवन को जीने का नजरिया आना चाहिए। ऐसे ही भावों से यह पुस्तक लिखी गई है। सुरमई सांझ... सुरों का जीवन में राग-अनुराग होता है, जीवन खुद भी एक राग है। जीवन में हर व्यक्ति को सुख-दुख की अनुभूति होती है, सांझ में भी सुरों को महसूस किया जा सकता है। ऐसा करने से जीवन का स्वप्निल सवेरा साकार हो सकता है।" उन्होंने अपनी पुस्तक को अनूठा और भावनात्मक रूप से महत्वपूर्ण बताया। वरिष्ठ कवयित्री डॉ. तृप्ति गोस्वामी काव्यांशी की उम्दा समीक्षा का वाचन काव्य कलश के सचिव श्याम गुप्ता 'शान्त' ने किया, क्योंकि डॉ. गोस्वामी कार्यक्रम में उपस्थित नहीं हो पाई थीं। गुप्ता ने नीलम व्यास की कविताओं में गंभीरता और भावनात्मक गहराई की प्रशंसा की।

दूसरे सत्र में "प्रेम" थीम पर आधारित एक काव्य-गोष्ठी का आयोजन किया गया। दो दर्जन से अधिक कवियों ने इसमें  भाग लिया और अपनी रचनाएँ प्रस्तुत कीं। लीला कृपलानी, मिश्रीलाल पंवार, राजेश भेरवानी, सचिन हर्षद सिंह भाटी, राखी पुरोहित, दिलीप केसानी, पंकज बिंदास, दीपिका धाबाई, अनुसुइया गोस्वामी, कमलेश तिवारी, गौतम के. गट्स, हंसराज बारासा, असरार भाई जैसे प्रमुख साहित्यकारों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।

अध्यक्ष मनोहर सिंह राठौड़ के अध्यक्षीय उद्बोधन और धन्यवाद ज्ञापन के साथ और अल्पाहार के बाद आयोजन का समापन हुआ। यह आयोजन जोधपुर के साहित्यिक जगत में एक उल्लेखनीय कार्यक्रम के रूप में याद रखा जाएगा।

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