जोधपुर में 102 स्कूलों के शिक्षकों का सात दिवसीय प्रशिक्षण शिविर संपन्न
स्काउटिंग के मूल्यों और कौशलों का मिला प्रशिक्षण
जोधपुर। मानवीय सेवा और मानवीय मूल्यों के संरक्षण में भारत स्काउट और गाइड की अग्रणी भूमिका को रेखांकित करते हुए, मेडिकल कॉलेज के पूर्व आचार्य डॉ. राजेंद्र तातेड ने कहा कि यह दुनिया का सबसे बड़ा स्वयंसेवी संगठन है जो निःस्वार्थ भाव से काम करता है। चौपासनी स्थित विठलेश वन प्रशिक्षण केंद्र में आयोजित 102 शासकीय और निजी स्कूलों के शिक्षकों के सात दिवसीय बुनियादी प्रशिक्षण शिविर को संबोधित करते हुए डॉ. तातेड ने स्काउट गाइड को मानवीय सेवा का विशालतम अंतर्राष्ट्रीय संगठन बताया।
लॉर्ड बेडेन पावेल की जयंती और स्काउट की स्थापना दिवस के सुअवसर पर आयोजित इस शिविर में शिक्षाविद और मोटिवेशनल स्पीकर डॉ. बी.एल. जाखड़ ने स्काउट के जीवन दर्शन और मूल्यों को विस्तार से समझाया। "वनस ए स्काउट इज ऑलवेज ए स्काउट" की थीम पर उन्होंने पीढ़ी दर पीढ़ी मानवीय मूल्यों को संचारित करने पर बल दिया। डॉ. जाखड़ ने शिविरार्थियों से बुनियादी पाठ्यक्रम और प्रशिक्षण सत्रों के बारे में जानकारी ली और उनके अनुभवों को जाना।
शिविर के विभिन्न पहलुओं से परिचित करवाते हुए सीओ छतर सिंह पीडियार ने सात दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। वरिष्ठ प्रशिक्षक अनिल शर्मा, जीवाराम पटेल, मनोहर लाल चौधरी, सत्यनारायण पटेल, और भींयाराम चौधरी के कुशल नेतृत्व में प्रशिक्षणार्थियों ने स्काउट आंदोलन के इतिहास, ट्रैकिंग, पायनियरिंग, ध्वजसज्जा, कैंपिंग, टेंट लेआउट आदि विधाओं में प्रशिक्षण प्राप्त किया। स्काउट से जुड़े भरत वाघेला ने कलात्मक पहलुओं पर प्रकाश डाला।
शिविरार्थियों ने इस प्रशिक्षण को संगठन के लिए और व्यक्तित्व विकास के लिए अत्यंत उपयोगी बताया। उमादत्त मिश्रा, सुरेंद्र चौधरी, राजूराम सारसर, विजेता चौहान सहित कई प्रतिभागियों ने प्रत्येक विद्यालय में स्काउट गतिविधियों को अनिवार्य करने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण न केवल उनके लिए बल्कि उनके विद्यार्थियों के लिए भी बेहद फायदेमंद होगा। इस शिविर ने जोधपुर जिले के 102 संस्थानों के शिक्षकों को स्काउटिंग के मूल्यों और कौशलों से परिचित कराया, जिससे भविष्य में बेहतर मानवीय सेवा के लिए एक मज़बूत आधार तैयार होगा।
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