गणेशी देवी बालिका स्कूल में तेरापंथ महिला मंडल द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कवयित्री राखी पुरोहित और नीलम व्यास का काव्य पाठ
कन्या भ्रूण हत्या पर चिंता, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का संदेश
जोधपुर। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर जोधपुर के गणेशी देवी राजकीय बालिका सीनियर सैकंडरी स्कूल में एक भावपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। तेरापंथ महिला मंडल सरदारपुरा द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में डॉ. प्रियंका वैद्य ने विशेष उद्बोधन देते हुए कहा कि महिला दिवस हर दिन होना चाहिए। आज का दिन महिलाओं की उपलब्धियों का जश्न मनाने, उनके संघर्षों को याद करने और उनकी अदम्य क्षमताओं का स्मरण करने का दिन है।
डॉ. वैद्य ने कहा, "नारी के बगैर सब कुछ अधूरा है। सीता के बिना राम, राधा-रुक्मणि के बिना कृष्ण और पार्वती के बिना शिव अधूरे हैं। नारी ही देश और समाज की ताकत है। जब-जब नारी ने ठाना है, इतिहास बदल गया है। किरण बेदी, रानी लक्ष्मीबाई, कल्पना चावला - ये सब नारी की ही शक्ति के प्रतीक हैं। आज की छात्राएँ कल की आईपीएस, आईएएस, डॉक्टर, इंजीनियर और वैज्ञानिक बनेंगी।" उन्होंने जोर देकर कहा कि महत्वपूर्ण यह नहीं है कि आप कहाँ से आती हैं, बल्कि यह कि आप कहाँ पहुँचना चाहती हैं। आपकी पहचान आपके कार्यों से होती है।
मंडल की अध्यक्ष दिलखुश तातेड़ ने स्वागत भाषण में कहा कि आज की नारी किसी भी दृष्टि से कमजोर नहीं है। उन्होंने नारी की अपार क्षमताओं का उल्लेख करते हुए कहा, "नारी गरजती है तो इतिहास बदल देती है।" कार्यक्रम में तेरापंथ की महिलाओं ने "बनकर हम सूरज की किरणें युगधारा में प्राण भरें…आओ बहनो, जागो बहनों…" जैसे प्रेरक गीत प्रस्तुत कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। संगीता जीरावला और जया जीरावला ने कवयित्रियों राखी पुरोहित और नीलम व्यास का दुपट्टा ओढ़ाकर सम्मान किया। कार्यक्रम का संचालन चेतना घोड़ावत ने किया।
स्कूल की छात्राओं नेहा और पिंकी पटेल ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि महिलाओं को समानता का दर्जा दिया जाना चाहिए, दया की दृष्टि से नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि महिलाओं को हर क्षेत्र में आगे आने का अवसर मिलना चाहिए।
कवयित्री राखी पुरोहित ने जैसलमेर के एक गाँव का उदाहरण देते हुए कन्या भ्रूण हत्या की समस्या पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह स्थिति बदल रही है, परंतु अभी भी यह समस्या बनी हुई है। उन्होंने "अबोली के बोल" कविता के माध्यम से कन्या भ्रूण हत्या रोकने और बच्चियों को शिक्षित करने का आह्वान किया। उन्होंने अशोक गहलोत के "बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ" के नारे का स्मरण कराते हुए इस संकल्प को दोहराया। उन्होंने अपनी कुछ कविताएँ और दिलीप पुरोहित की बाल कविता "बेटी ने पूछा मां से" भी सुनाई।
नीलम व्यास ने बच्चियों को भगवान का रूप बताते हुए अपनी कविताओं के माध्यम से उन्हें प्रगति पथ पर चलने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि बेटियाँ परिवार और समाज की धुरी हैं और बेटे-बेटियों में भेदभाव नहीं होना चाहिए। उन्होंने प्रेरक गीतों के माध्यम से मानव चेतना और शिक्षा को आत्मसात करने का आह्वान किया।
तेरापंथ महिला मंडल ने स्कूल को ठंडे पानी की मशीन भेंट की। मशीन का उद्घाटन राखी पुरोहित और नीलम व्यास ने फीता काटकर किया। इस अवसर पर तेरापंथ महिला मंडल की अध्यक्ष दिलखुश तातेड़, मंत्री चेतना घोड़ावत, कोषाध्यक्ष चंद्रा जीरावला, प्रचार मंत्री जया जीरावला, संगठन मंत्री सविता तातेड़, सदस्य संगीता जीरावला, सदस्य उषा वैद्य, सदस्य ज्योति सिंघवी, तेरापंथ सभा के उपाध्यक्ष दिनेश कोठारी, तेरापंथ युवक परिषद के मंत्री देव तातेड़, रामस्वरूप गणेशी देवी राजकीय बालिका सीनियर सैकंडरी स्कूल के प्रिंसिपल देवेंद्र कुमार सोनी, वंदना शर्मा सहित छात्राएं मौजूद थी।
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