Magician's Day: Magician Gopal mesmerized the audience. जादूगर दिवस: जादूगर गोपाल ने दर्शकों को किया मंत्रमुग्ध।

प्रताप नगर स्थित जादू भवन में हुए कार्यक्रम में दिखाए हेरतअंगेज करतब, देश के कई जादूगर वर्चुअली जुड़े

भारतीय जादू के पितामह पद्मश्री पी सी सरकार के जन्मदिन पर मनाया जाता है जादूगर दिवस

जोधपुरभारतीय जादूगर दिवस के अवसर पर जोधपुर में आज जादू का अद्भुत नज़ारा देखने को मिला। प्रताप नगर स्थित जादू भवन में आयोजित कार्यक्रमों में जादूगरों ने दर्शकों को हैरान कर देने वाले करतब दिखाए। मुख्य आकर्षण रहे जादूगर गोपाल, जिन्होंने अपने अद्भुत जादू से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

गोपाल ने सबसे पहले जादू के ज़रिए पी.सी सरकार का चित्र प्रकट किया और फिर जादू से ही बनाई गई माला से उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद उन्होंने नोटों की बरसात, हवा में उड़ती लकड़ी की मेज़ और हवा में खड़ी रस्सी जैसे अनेक हैरतअंगेज कार्यक्रम प्रस्तुत किए, जिससे दर्शक दांतों तले अंगुली दबाते रह गए।

गोपाल के अलावा, उनकी पौत्री जादूगर योगिता और बड़गांव के जादूगर रतनाराम ने भी अपने-अपने अद्भुत जादुई करतबों से दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया। इस अवसर पर देश के कई अन्य जादूगर वर्चुअल रूप से जुड़े और इस खास दिन को यादगार बनाया।

जयपुर के जाने-माने जादूगर प्रहलाद राय ने अपने संबोधन में बताया कि 23 फ़रवरी को पूरे भारत में भारतीय जादूगर दिवस मनाया जाता है। यह दिवस भारतीय जादू के पितामह, पद्मश्री प्रतुल चंद्र सरकार (पीसी सरकार) के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है, जिसकी शुरुआत राजस्थान से ही हुई थी।

उन्होंने पीसी सरकार के जीवन और उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि 23 फ़रवरी 1913 को असम के गांव अशोकपुर (अब बंगलादेश) में जन्मे पीसी सरकार ने जादू कला को सड़क से उठाकर ग्लैमर के साथ एक भव्य मंच पर स्थापित किया। उन्होंने एशिया और यूरोप के अलावा दुनिया के कई देशों में शो करके भारत सरकार के खज़ाने में इतनी विदेशी मुद्रा अर्जित की, जितनी किसी अन्य कलाकार ने पहले कभी नहीं की थी। 1964 में भारत सरकार ने उन्हें उनके महान योगदान के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया था। उन्होंने कोलकाता में ऑल इंडिया मैजिक सर्कल की स्थापना की और एक त्रैमासिक पत्रिका "एआईएमसी मैजिक बुलेटिन" भी शुरू की।

प्रहलाद राय ने बताया कि कैसे 1971 में जयपुर के यशस्वी जादूगरों, ग्रेट मायावी जी और निमानो जी (जो उस समय जयपुर में रेलवे में पदस्थ थे) ने मिलकर ऑल इंडिया मैजिक सर्कल को प्रस्ताव भेजा था कि पीसी सरकार के जन्मदिन को जादूगर दिवस के रूप में मनाया जाए। हालांकि, पीसी सरकार का दुर्भाग्यवश 6 जनवरी 1971 को जापान में निधन हो गया, फिर भी 23 फ़रवरी 1971 को जयपुर के रवीन्द्र मंच से इस दिवस की शुरुआत हुई और तब से यह पूरे देश में मनाया जा रहा है। भारत सरकार ने 2010 में स्व. पीसी सरकार की स्मृति में 5 रुपये का डाक टिकट भी जारी किया था। आज के कार्यक्रम ने एक बार फिर पीसी सरकार और जादू की इस अद्भुत दुनिया को याद दिलाया।

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