Operation Nar-Narayan: Man with reward of Rs 50,000 arrested after 25 months. ऑपरेशन नर-नारायण: 25 महीने बाद गिरफ्तार हुआ 50 हजार का इनामी।

बागेश्वर धाम और महाकुम्भ में छिपा रहा 50 हजार का इनामी बद्रीराम, महिला मित्र से मिलने जाते समय हुआ काबू

कार धुलवाते समय पकड़ा गया चोरी, नकबजनी और पोक्सो केस में फरार आरोपी

जोधपुरऑपरेशन 'नर-नारायण' के तहत जोधपुर रेंज के साइक्लोनर टीम ने 25 महीने से फरार 50 हजार रुपये के इनामी बद्रीराम को गिरफ्तार किया है। बद्रीराम पर नकबजनी, 
चोरी और पोक्सो अधिनियम के तहत कई मामले दर्ज हैं। उसे ओसियां क्षेत्र के एक सर्विस सेंटर पर दबिश देकर पकड़ा गया, जहां वह अपनी कार की सफाई करवा रहा था। भोपालगढ़ थाना पुलिस बद्रीराम की 8 महीने से तलाश कर रही थी।

आइजी (रेंज) विकास कुमार ने बताया कि बद्रीराम सुरपुरा खुर्द गांव का रहने वाला है और शराब के साथ-साथ महिला मित्रों का शौकीन है। पुलिस को सूचना मिली थी कि वह अपनी एक महिला मित्र से मिलने के लिए ऊटाम्बर गांव आया है, लेकिन महिला मित्र की बीमारी के कारण मुलाक़ात नहीं हो पाई।  इसके बाद वह गांव में दूसरी महिला मित्र की तलाश में अपनी कार से घूम रहा था, तभी उसकी कार धूल से सन गई और उसने सर्विस सेंटर में कार की सफाई करवाने का फैसला किया, जहां पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।

बद्रीराम के खिलाफ कुल 44 FIR दर्ज हैं। अपराध की दुनिया में उसके कदम रखने की कहानी बेहद दिलचस्प है। अपने चचेरे भाई की शादी के लिए उसने चार भाइयों के साथ मिलकर एक कोऑपरेटिव सोसायटी से चोरी की थी। इसके बाद उसने कई मंदिरों में चोरी की और हरियाणा से गुजरात शराब की तस्करी में भी संलिप्त रहा। पिता के निधन के बाद भाइयों ने उससे नाता तोड़ लिया, जिसके बाद वह ससुराल वालों के साथ खनन कार्य करने लगा।

ऑपरेशन का नाम 'नर-नारायण' इसलिए रखा गया क्योंकि नर और नारायण दो पहाडियों के मध्य बद्रीनाथ मंदिर है। बद्रीराम का जीवन नर (कामुकता) और नारायण (साधना, शोध) के बीच भटकता रहा। इसी से ऑपरेशन का नाम नर-नारायण रखा गया। उल्लेखनीय है कि फरारी के दौरान बद्रीराम ने 2023-24 में आठ महीने बागेश्वर धाम में 100 रुपये प्रतिदिन के किराये पर कमरा लेकर बिताए और जनवरी-फरवरी में एक महीने महाकुम्भ में भी छिपा रहा। साइक्लोनर टीम के कन्हैयालाल, प्रमित एसआई चौहान, नेमाराम, देवाराम के नेतृत्व में हेड कांस्टेबल गजराज, कांस्टेबल झूमर और मुकनसिंह ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया। गिरफ्तारी के बाद बद्रीराम को भोपालगढ़ थाना पुलिस के हवाले कर दिया गया है।

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