जोधपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) अपने शताब्दी वर्ष के उत्सव की तैयारी कर रहा है, जो 2025 में मनाया जाएगा। इस उत्सव को लेकर देश भर के स्वयंसेवकों में उत्साह और जुनून देखने को मिल रहा है।
इस उत्साह का प्रमाण जोधपुर के एक कार्यक्रम में देखने को मिला, जहां एक डेढ़ साल के बच्चे ने संघ की गणवेश धारण करके भगवा ध्वज को प्रणाम किया।
यह कार्यक्रम शनिवार को रातानाडा स्थित पोलोग्राउंड में आयोजित आरएसएस जोधपुर महानगर के एकत्रीकरण समारोह में हुआ। इस समारोह में चौपासनी रोड स्थित माधो बाग़ कबीर आश्रम के गादीपति डॉ. रुपचंद दास महाराज और उनके पुत्र लक्ष्मी चंद धारीवाल भी संघ स्वयंसेवक के रूप में शामिल हुए।
डॉ. रुपचंद महाराज पांच दशकों से भी अधिक समय से संघ से जुड़े हुए हैं, जबकि उनके बेटे लक्ष्मी चंद भी पिछले 30 सालों से स्वयंसेवक रहे हैं। पिता-पुत्र दोनों ही संघ के दायित्वपूर्ण कार्यकर्ता रह चुके हैं और वर्तमान में भी दोनों संघ से जुड़े हुए हैं।
इस कार्यक्रम में डॉ. रुपचंद महाराज के पोते, डेढ़ साल के दुर्गेश चंद धारीवाल ने भी संघ की गणवेश पहनकर भगवा ध्वज को प्रणाम किया। यह देखकर हर कोई हैरान रह गया। डॉ. रुपचंद महाराज की तीसरी पीढ़ी का यह बालक संदेश दे रहा था कि वह भी एक राष्ट्रभक्त है।
दुर्गेश के पिता इंजीनियर लक्ष्मी चंद धारीवाल ने बताया कि जब वह और उनके पिता एकत्रीकरण की तैयारी कर रहे थे, तो दुर्गेश भी उनके साथ संघ की प्रार्थना करने लगा। यही नहीं, वह भगवा ध्वज को भी प्रणाम करने लगा और दादा से संघ की गणवेश बनाने की जिद करने लगा। इसके बाद दुर्गेश के लिए गणवेश तैयार करवाया गया।
लक्ष्मी चंद ने कहा, "दुर्गेश ने गणवेश पहनकर भगवा ध्वज को प्रणाम कर अपने दादा और पिता का मान बढ़ाया है। वह हमारी परिवार की तीसरी पीढ़ी का स्वयंसेवक है और मैं उसके भविष्य को लेकर बहुत आशावान हूं।"
यह घटना इस बात का प्रमाण है कि संघ की विचारधारा और मूल्य पीढ़ी-दर-पीढ़ी हस्तांतरित किए जा रहे हैं, और इसकी अगली पीढ़ियां भी राष्ट्रभक्ति और सेवा के आदर्शों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
दुर्गेश ने गणवेश पहनकर न केवल भगवा ध्वज को प्रणाम किया, बल्कि अपने परिवार की तीसरी पीढ़ी के स्वयंसेवक के रूप में अपने दादा और पिता का मान भी बढ़ाया।
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