Blackout and mock drill in Jodhpur on Saturday, civil defense exercise under Operation Shield.जोधपुर में शनिवार को ब्लैकआउट और मॉक ड्रिल, ऑपरेशन शील्ड

आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने हेतु नागरिक सुरक्षा विभाग द्वारा समन्वित अभ्यास का आयोजन

जिला कलक्टर की नागरिकों से अपील: मॉक ड्रिल के दौरान घबराएं नहीं, सक्रिय भागीदारी निभाएं

सामाजिक समन्वय एवं जनजागरूकता के उद्देश्य से संचालित किया जाएगा अभ्यास

जोधपुर राज्य सरकार के निर्देशानुसार दिनांक 31 मई 2025 (शनिवार) को नागरिक सुरक्षा विभाग (सिविल डिफेंस) के तत्वावधान में जोधपुर में एक समन्वित मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाएगा।

दो चरणों में संपन्न होगा अभ्यास

इस अभ्यास का प्रमुख उद्देश्य आमजन को आपातकालीन परिस्थितियों से प्रभावी ढंग से निपटने हेतु जागरूक एवं प्रशिक्षित करना है। यह मॉक ड्रिल दो चरणों में सम्पन्न की जाएगी, जिसमें नागरिकों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।

प्रथम चरण: सायरन और ब्लैकआउट की प्रक्रिया

प्रथम चरण में सायरन बजाए जाने के उपरांत नागरिकों से अपेक्षा की जाएगी कि वे तुरंत नजदीकी सुरक्षित स्थान पर शरण लें। साथ ही, पूर्ण ब्लैक आउट की प्रक्रिया अपनाई जाएगी, जिसके अंतर्गत समस्त प्रकाश स्रोतों को बंद करने का अनुरोध किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, वाहनों की हैडलाइट्स को भी बंद अथवा ढककर प्रकाश सीमित करने की अपेक्षा की जाएगी।

सामान्य स्थिति बहाली की सूचना प्रणाली

जब सामान्य स्थिति पुनः बहाल की जाएगी, तब एक स्पष्ट (क्लियर) सायरन बजाकर नागरिकों को सूचित किया जाएगा। इसके पश्चात सामान्य जनजीवन एवं गतिविधियां पुनः प्रारंभ की जा सकेंगी।

द्वितीय चरण: राहत एवं बचाव कार्यों का समन्वय

द्वितीय चरण में मॉक ड्रिल किए जाने वाले चयनित स्थलों पर समस्त विभागीय एजेंसियां एवं सिविल डिफेंस से जुड़ी संस्थाएं तत्परता से पहुंचेंगी। वहां वे आपसी समन्वय के माध्यम से राहत एवं बचाव कार्य संपादित करेंगी। इस दौरान संसाधनों की उपलब्धता, तत्परता एवं कार्यक्षमता का मूल्यांकन भी किया जाएगा।

जिला कलक्टर का नागरिकों से आह्वान

जिला कलक्टर गौरव अग्रवाल ने समस्त नागरिकों, शैक्षणिक संस्थानों, स्वयंसेवी संगठनों तथा विभागीय अधिकारियों से अपील की है कि वे इस मॉक ड्रिल में जागरूक, उत्तरदायी एवं सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि यह अभ्यास आपदा प्रबंधन में जन सहभागिता की सुदृढ़ता को बढ़ाने हेतु एक महत्त्वपूर्ण कदम है। उन्होंने यह भी कहा कि नागरिक इस अभ्यास को घबराने का कारण न समझें, बल्कि इसे आपात कालीन परिस्थितियों में सुरक्षा एवं बचाव संबंधी जानकारी प्राप्त करने के एक सुअवसर के रूप में अपनाएं।

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