प्रिंटर, बल्ब और बेलन से छाप रहे थे 100 और 500 रुपये के नकली नोट, दो गिरफ्तार
एक साल से चला रहे थे अवैध धंधा, 5 लाख से ज़्यादा के नकली नोट छापे
जयपुर। एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (AGTF) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए नकली भारतीय मुद्रा छापने वाले दो शातिरों को गिरफ्तार किया है। ये आरोपी बेहद ही सूक्ष्म तरीके से प्रिंटर, बल्ब और बेलन जैसी साधारण चीजों का इस्तेमाल कर 100 और 500 रुपये के नकली नोट छाप रहे थे। पुलिस ने दोनों आरोपियों के कब्जे से 2.17 लाख रुपये से ज़्यादा के नकली नोट बरामद किए हैं।
एडीजी (AGTF) दिनेश एमएन ने बताया कि AGTF टीम के ASI शंकर दयाल और हेड कॉन्स्टेबल कमल सिंह को गुप्त सूचना मिली थी कि जयपुर शहर में कुछ लोग नकली नोट छापकर बाजार में सप्लाई कर रहे हैं। इस सूचना के आधार पर झोटवाड़ा इलाके में छापेमारी की गई। झोटवाड़ा थाना पुलिस की मदद से AGTF ने मुकेश जाट (27) और मोहन सैनी (28) नाम के दो आरोपियों को गिरफ्तार किया।
पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 434 नोट (500 रुपये के) और 7 नोट (100 रुपये के) बरामद किए। इनके अलावा, नोट छापने में इस्तेमाल किया गया प्रिंटर, स्याही, बल्ब और बेलन भी जब्त किया गया है। गिरफ्तार आरोपियों में मुकेश जाट मोहनका बास, हिंगोनिया रेनवाल (हाल विकास नगर विस्तार, झोटवाड़ा) और मोहन सैनी मालीवाड़ा, कालवाड़ का रहने वाला है।
एडि.एसपी सिद्धांत शर्मा ने बताया कि पुलिस निरीक्षक सुभाष सिंह के नेतृत्व में टीम ने विकास नगर विस्तार स्थित एक मकान पर छापा मारा और नकली करेंसी का यह कारखाना पकड़ा। पूछताछ में सामने आया है कि ये आरोपी पिछले लगभग एक साल से यह अवैध धंधा चला रहे थे और अब तक लगभग 5 लाख रुपये के नकली नोट छाप चुके हैं। ये नकली नोट जयपुर के ग्रामीण इलाकों और शराब की दुकानों पर इस्तेमाल किए जा रहे थे।
नकली नोट छापने का तरीका:आरोपियों ने बताया कि वे बाजार से नोट के हिसाब से पेपर खरीदते थे और फिर फोटोशॉप सॉफ्टवेयर के जरिये प्रिंटर से नोट छापते थे। नोट पर पारदर्शी गांधी चित्र छापने के लिए महात्मा गांधी का एक अलग फोटो इस्तेमाल करते थे। इस फोटो को गर्म बल्ब से पेपर पर लगाने के बाद बेलन से रगड़ते थे, जिससे चित्र उभर कर आ जाता था। नोट पर चमकदार लाइन दिखाने के लिए पेंसिल से उसे घिस देते थे, जिससे वह लाइट में चमकने लगती थी।
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